अतिरिक्त >> दलाल की बीवी दलाल की बीवीरवि बुले
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मन्दी के दिनों में लव सेक्स और धोखे की कहानी...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
दलाल अकेला नहीं था।
उसके साथ पुलिस थी। एक सिपाही आगे, एक उसके साथ और एक पीछे। सब पैदल चल रहे थे। दलाल के दोनों हाथ सामने की तरफ़ रस्सियों से बँधे थे। उसके हाथों में हथकड़ी भी थी। हथकड़ी साथ चल रहे सिपाही की कमरपेटी से बँधी थी। दलाल के बाल बिखरे थे। कपड़े अस्त-व्यस्त। चेहरे के बाएँ हिस्से में थोड़ी सजून थी। इसके बावजदू उसके चेहरे पर शान्ति थी। वह संयत और सधे कदमों से चल रहा था। बिना प्रतिरोध के। पुलिस का एक इंस्पेक्टर तीनों सिपाहियों और दलाल के पीछे बाइक पर सवार था।
इन सबके आगे बच्चों की टोली थी। नकली चोर-पुलिस का खेल खेलने वाले बच्चे असली दृश्य देख कर चकित थे। वे दौड़ते हुए शोर कर रहे थे। पुलिस जब दलाल को लेकर मण्डी के बीचोंबीच पहुँची, तो बच्चों के शोर से वहाँ मौजदू लोगों को पता चला... दलाल ने ख़ून किया है...!!
ख़ून...!!
यह घटना हालांकि लोकल थी, मगर इसके कारण ग्लोबल थे।
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